भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को मिली मजबूती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में चार नए सेमीकंडक्टर निर्माण परियोजनाओं के लिए ₹4,600 करोड़ की मंजूरी दी है। यह परियोजनाएं इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के तहत स्थापित की जाएंगी, जिससे स्वीकृत सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की कुल संख्या 6 राज्यों में 10 हो जाएगी।
भारत का विस्तृत होता सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र
- कुल स्वीकृत परियोजनाएं: 10 (पहले की 6 परियोजनाओं सहित)
- कुल निवेश: लगभग ₹1.60 लाख करोड़
- प्रत्यक्ष रोजगार: 2,000 से अधिक कुशल पद
- अप्रत्यक्ष रोजगार: सहायक उद्योगों में कई हजार और अवसर
- लक्षित क्षेत्र: दूरसंचार, ऑटोमोबाइल, डेटा सेंटर, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, औद्योगिक स्वचालन, नवीकरणीय ऊर्जा और रक्षा
चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाएं
- SiCSem प्राइवेट लिमिटेड – ओडिशा
- 3D ग्लास सॉल्यूशंस इंक. – ओडिशा
- ASIP टेक्नोलॉजीज – आंध्र प्रदेश
- कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (CDIL) – पंजाब
परियोजनाओं का रणनीतिक महत्व
- पहला SiC कंपाउंड फैब: उच्च-प्रदर्शन इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगा।
- संतुलित क्षेत्रीय विकास: पूर्व (ओडिशा), उत्तर (पंजाब) और दक्षिण (आंध्र प्रदेश) में विस्तार।
- आयात में कमी: विदेशी सेमीकंडक्टर आयात पर निर्भरता घटेगी।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा: भारत को एशिया में संभावित चिप निर्माण हब के रूप में स्थापित करेगा।
सहायक पारिस्थितिकी तंत्र और प्रतिभा विकास
सरकार एक मजबूत सेमीकंडक्टर डिज़ाइन पारिस्थितिकी तंत्र भी बना रही है—
- 278 शैक्षणिक संस्थानों को R&D और डिज़ाइन पहलों के लिए समर्थन।
- 72 चिप डिज़ाइन स्टार्टअप को प्रोत्साहन।
- 60,000+ छात्रों को सेमीकंडक्टर उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षित किया गया।